भारत ने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाई है। गुजरात स्थित ककरापार परमाणु विद्युत स्टेशन (KAPS-4) में भारत के दूसरे स्वदेश निर्मित 700 मेगावाट क्षमता वाले परमाणु रिएक्टर ने अपनी पूरी क्षमता से परिचालन शुरू कर दिया है। न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) ने पुष्टि की है कि 31 मार्च 2024 को वाणिज्यिक संचालन शुरू करने वाली यूनिट 4 अब 700 मेगावाट विद्युत उत्पादन कर रही है। यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि भारत 2031-32 तक 14 और रिएक्टर जोड़ने की योजना बना रहा है।
पूर्ण क्षमता से परिचालन का महत्व
केएपीएस-4 यूनिट के पूर्ण क्षमता से संचालन से भारत की स्वदेशी रूप से विकसित 700 मेगावाट क्षमता वाली प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) डिजाइन की मजबूती का प्रदर्शन होता है। यह उपलब्धि केएपीएस-3 यूनिट के पहले से ही पूर्ण क्षमता से सफल संचालन के बाद हासिल की गई है।
भविष्य की योजनाएं
भारत इसी डिजाइन के 14 और 700 मेगावाट क्षमता वाले परमाणु रिएक्टरों का निर्माण कर रहा है, जिनके 2031-32 तक क्रमिक रूप से चालू होने की उम्मीद है। वर्तमान में NPCIL कुल 8180 मेगावाट क्षमता वाले 24 रिएक्टरों का संचालन करता है और 6800 मेगावाट क्षमता वाली 8 इकाइयां निर्माणाधीन हैं। इसके अतिरिक्त, कुल 7000 मेगावाट क्षमता वाले 10 और रिएक्टर पूर्व-परियोजना गतिविधियों में हैं। NPCIL का कहना है कि इनके क्रमिक रूप से पूरा होने से 2031-32 तक देश की स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता 22480 मेगावाट तक पहुंच जाएगी।
निष्कर्ष
केएपीएस-4 यूनिट का पूर्ण क्षमता से परिचालन भारत के लिए एक सकारात्मक कदम है। यह स्वदेशी परमाणु ऊर्जा प्रौद्योगिकी के विकास को दर्शाता है और देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देगा।
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