नई दिल्ली: भारत ने पेरिस ओलंपिक में छह पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया है, जिसमें एक रजत और पांच कांस्य पदक शामिल हैं। हालांकि, छह बार चौथे स्थान पर रहने के कारण देश को कुछ निराशा भी हुई है।
भारत ने टोक्यो ओलंपिक की तुलना में एक पदक कम जीता है, लेकिन छह पदक और छह चौथे स्थान के परिणामों ने भारतीय खेलों का एक उज्ज्वल भविष्य दिखाया है। नीरज चोपड़ा, मनु भाकर, सरबजोत सिंह, स्वप्निल कुसले, अमन सहरावत और भारतीय हॉकी टीम ने छह पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। भारत इस बार पदक तालिका में 71वें स्थान पर रहा, जबकि टोक्यो में एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक के साथ 48वें स्थान पर था।
निशानेबाज मनु भाकर (25 मीटर पिस्टल), अर्जुन बाबुता (10 मीटर एयर राइफल) और मिश्रित टीम अनंतजीत सिंह नरुका और महेश्वरी चौहान (स्कीट), तीरंदाजी मिश्रित टीम अंकिता भगत और बी. धीरज, बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन और भारोत्तोलक मीराबाई चानू कांस्य पदक से चूक गए।
भारतीय पहलवान विनेश फोगाट महिलाओं की 50 किलो वर्ग में फाइनल में पहुंचने के बाद अयोग्य घोषित कर दी गईं, जिससे देश को बड़ा झटका लगा।
टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने इस बार रजत पदक जीता। हालांकि, उन्होंने 89.45 मीटर का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। पाकिस्तान के अरशद नदीम ने नया ओलंपिक रिकॉर्ड 92.97 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता।
निशानेबाज मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल में व्यक्तिगत और मिश्रित टीम में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा। स्वप्निल कुसले ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में कांस्य पदक जीता। पहलवान अमन सहरावत ने भी कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया।
भारतीय हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीतकर देश को खुशी दी। गोलकीपर पीआर श्रीजेष ने अपने शानदार करियर का अंत एक जीत के साथ किया।
भारत ने लंदन 2012 के बाद दूसरी बार छह पदक जीते हैं। हालांकि, कई खिलाड़ी पदक से चूक गए, जिससे देश को निराशा हुई है।
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